Saturday, April 4, 2009

कुछ दिल की

ये कुछ पंक्तियाँ है जो सभी कभी ना कभी अपनी ज़िंदगी मैं महसूस करते हैं मुझे ऐसा लगता ये पल सबकी ज़िंदगी में एक बार ज़रूर आता है..............जब हम इस बारे मैं सोचने पर मजबूर हो जाते है..................
दिन रात बरसता हो वो बादल नहीं देखा,
उन आखों की तरह कोई पागल नही देखा........
उसने भी कभी नींद से रिश्ता नहीं देखा,
मैने भी कोई ख्याब मुकम्मल नहीं देखा..............
पत्थर मुझे कहता है मेरा चाहने वाला,
मैं मोम हूँ उसने मुझे छूकर नहीं देखा...........
ये फूल तो मिले हैं मुझे विरासत मैं,
किसी ने मेरा कांटो से भरा दामन नहीं देखा................

Wednesday, April 1, 2009

मेरा भाई "गगन"

Meet My BRO

Wo to aap logo ne dekh he liya hoga ki he is too Smart and handsome.....lekin mera bhai iske saath saath bahut pyara aur chulbula bhi hai............I'm too lucky to have such kind of BRO....................... he is so caring for his sweeeeeeeet sisters and family.................But I love him too much

Tuesday, March 31, 2009

दोस्ती एक ज़िन्दगी है....................















दोस्ती कहने को एक शब्द है लेकिन इसमे किसी की दुनिया समा सकती हीकुछ
पंक्ति है शायद अपने पहले बहुत सुनी होगी..........
"दोस्ती शायद ज़िंदगी होती है,
जो हर दिल मैं बसी होती है,
वैसे तो जी लेते है सभी अकेले,
फिर भी इसकी ज़रूरत हर किसी को होती है"
मेरे ख्याल से दोस्ती जीने का नाम है , निभाने का नही...............
हर दिल मैं कही ना कही दर्द छुपा होता है, ओर हर किसी का इसे बया करने का अंदाज़ जुदा होता है
कुछ लोग इससे आँखो से बया कर देते है ओर कुछ लोगो की हसी मैं ये छुपा होता है।
जिसकी पहचान केबल एक दोस्त को हे होती हैये कुछ पंक्ति है जो आपको दोस्ती का
एहसास कराएगी.........................

"दोस्ती नाम नही सिर्फ़ दोस्तो के साथ रहनेक़ा,
बल्कि दोस्त ही ज़िंदगी बन जाते है दोस्ती मैं...........
ज़रोरूरत नही पड़ती दोस्त की तस्वीर की,

देखो जो आईना तो दोस्त नज़र आते है, दोस्ती मैं..........
ये तो बहाना है की मिल नही पाएदोस्तो सेआज ,

दिल पे हाथ रखते ही अहसास उनके हो जाते है दोस्ती मैं...........
नाम की तो ज़रूरत नही पड़ती इस रिश्ते मैं कभी ,

पूछे नाम अपना ओर दोस्तो का बताते है दोस्ती मैं.................
कों कहता हैकी दोस्त हो सकते है ज़ुडा कभी,

दूर रहकर भी दोस्त, बिल्कुल करीब नज़र आते है,दोस्ती मैं.......
सिर्फ़ भ्रम है, की दोस्त होते है अलग अलग,

दर्द हों इनको ओर आँसू उनके आते है दोस्ती मैं..............
माना इश्क है खुदा प्यार करने वालो के लिए "अभी",

लेकिन हम तो अपना सिर झुकते है, दोस्ती मैं..........
ओर एक ही दावा है गम की दुनिया मैं क्यौकी,

भूल के सारे गम दोस्तो के साथ मुस्कुराते है दोस्ती मैं..........